Hello Friends, Welcome To Our Website, Friends, Today In This Post You Will Get To Read About The Topic Of Lok Devta And Lok Deviya Of Rajasthan, In This Post, Important Information Related To The Lok Devta And Lok Deviya Of Rajasthan Will Be Read In This Post. If You Get To Read The Important Questions Related To Lok Devta And Lok Deviya, Then Read The Post Completely. And Also Share On Your Social Media Account..
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर तो दोस्तों आज इस पोस्ट में आपको राजस्थान के लोक देवता व देविया टॉपिक के बारे में पढने को मिलेगा इस पोस्ट में राजस्थान के लोक देवता व देविया से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारिया इस पोस्ट में पढने को मिलेगी साथ ही लोक देवता एंव लोक देविया से संबंधित पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न भी पढने को मिलेंगे तो पोस्ट को पूरा पढ़िए. एंव अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी करे..|
Table of Contents
राजस्थान के लोक देवता व देविया - Rajasthan Ke Lok Devi & Devta
राजस्थान में जनमानस की पूज्य महापुरुषों को लोक देवता कहा जाता है लोक देवता वीर पुरुष हैं जिन्होंने अपने अलौकिक व चमत्कारी कार्यों द्वारा जनहित कार्य किए आज भी राजस्थान के गांव गांव ढाणी ढाणी में इन लोक देवताओं के चबूतरे बने हुए हैं इन्हें थान देवल कहते हैं यह देवल राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र की एक अनूठी मिसाल कायम करते है यहां पर सभी वर्गों के लोग आकर शीश नवाते हैं गांवो में हारी बीमारी में इनकी पूजा की जाती है.
राजस्थान के लोक देवता - Rajasthan Ke Lok Devta
गोगाजी
- सांपो के देवता गोगा जी का थान चबूतरा राजस्थान के अधिकांश गांव में खेजड़ी के वृक्ष के नीचे देखने को मिलता है गोगा जी का जन्म चूरू जिले के ददरेवा नामक गांव में जेवर सिंह चौहान एवं बाछल के घर पर हुआ था
- राजस्थान में मानसून की पहली वर्षा होने के बाद जब किसान हल जोतने जाता है तब नो गांठो गोगा राखड़ी हल एंव हाली दोनों को बांधने की परंपरा है
- गोगा जी ने मुस्लिम आक्रमण करता महमूद गजनवी से युद्ध किया ऐसा माना जाता है कि युद्ध में उन्होंने गजनवी को भी कुछ चमत्कार दिखाया तभी से गोगाजी जाहर पीर के रूप में लोकप्रिय हुए थे
- गोगा जी की समाधि गोगा मेडी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की नोट तहसील में है इसे शीर्ष मेडी कहा जाता है
- गोगाजी की सवारी नीली घोड़ी थी गोगा जी को गोगा देव गोगा चौहान व गोगा बापपा के नाम से जाना जाता है
- राजस्थान में सर्पदंश पर गोगा जी की पूजा की जाती है गोगाजी का भोपा सांप का विष उतारने में कुशल समझा जाता है
- गांव में विवाह के महीने भर पश्चात तोरण को गोगाजी के थान पर रखने की परंपरा है सांचौर जालौर में भी गोगाजी की उल्टी नामक स्थान पर गोगा जी का मंदिर है
- गोगा जी की स्मृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्ण भगवान भी गोगा नवमी को हनुमानगढ़ जिले की गोगामेडी में विशाल मेला भरता है
- गोगाजी नी अपने मौसेरे भाइयों अर्जुन एवं सूजन के विरुद्ध गायों को बचाने के लिए भीषण संघर्ष किया और वीरगति को प्राप्त हो गए
तेजाजी
- जाटों की आराध्य लोक देवता तेजाजी का जन्म नागौर जिले के खरनाल गांव में हुआ था
- तेजाजी की माता का नाम राजकुवर व पिता का नाम ताहिर जी जाट था सांप या कुत्ते के काटने पर तेजाजी की पूजा की जाती है
- किसान तेजाजी का स्मरण करके खेत में बुवाई प्रारंभ करते हैं यह खेत में अच्छी फसल होने की कामना के लिए किया जाता है
- विक्रम सावंत 1160 की माघ कृष्ण चतुर्थी को तेजाजी का देवलोक गमन हो गया तेजाजी की स्मृति में ब्यावर की तेजा चौक में प्रति वर्ष भादवा सुदी दशमी को तेजाजी का मेला भरता है
- राजस्थान सरकार द्वारा परबतसर नागौर में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी से पूर्णिमा तक विशाल पशु मेले का आयोजन किया जाता है यह राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला है जो वीर तेजाजी पशु मेला के नाम से जाना जाता है
रामदेव जी
- रामदेव जी का जन्म भादवा सुदी द्वितीय बाबे री बीज 1462 विक्रम मी 1405 ईसवी को उंडू काश्मीर गांव वर्तमान बाड़मेर जिले के शिव तहसील में हुआ था
- हिंदू धर्म के लोग रामदेव जी को भगवान कृष्ण का अवतार मानते हैं जबकि मुसलमान भी इनकी पूजा रामसापीर के रूप में करती हैं
- राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा गांव में प्राचीन नाम रुणिचा में रामदेव जी का भव्य मंदिर उनकी समाधि पर बना हुआ है
- रामसापीर ने भाद्रपद शुक्ल एकादशी 1515 विक्रमी 1458 ईस्वी को यहां पर जीवित समाधि ली थी
- रामदेव जी की समाधि पर प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला द्वितीया से एकादशी तक विशाल मेले का आयोजन होता है मेले में श्रद्धालु श्रद्धालुओं द्वारा कपड़े के घोड़े घोड़े चड़ाए जाने की परंपरा है
- रामदेव जी के घोड़े का नाम लीला था इसलिए ने लीला रा असवार भी कहा जाता है
- रामदेव जी का मेला राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है मेले में सभी धर्मों और जातियों के लोग आते हैं रामदेव जी ने कमरिया पंथ की स्थापना की ऐंव चौबीस वाणियो की रचना की
- रामदेव जी के मंदिर की पंचरंगी ध्वजा को निजा कहा जाता है रामदेव जी राजस्थान के सबसे प्रिय लोक देवता के रूम में जाने जाते हैं रामदेव जी के पिता का नाम अजमल जी तवर रुणिचा के ठाकुर थे इनकी माता का नाम मेनादे था
देवनारायण जी
- देवनारायण जी का जन्म 1213 ईस्वी में भीलवाड़ा जिले के आसींद तहसील के गोंठा दड़ावता नामक गांव में हुआ था
- गुर्जर समाज के आराध्य लोक देवता देवनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता हैदेवनारायण जी को देव जी भगवान श्री देवनारायण जी उदल जी उदल भगवान आदि नामों से जाना जाता है
- देव जी के पिता सवाई भोज आसींद के नागवंशी गुर्जर बगड़ावत शासक थे इन्हें भोज बगड़ावत भी कहा जाता है धार मध्य प्रदेश के राजा जयसिंह की पुत्री पीपल देव को देव जी ने अपने आयुर्वेद के ज्ञान से स्वस्थ किया यूपी पल देसी विवाह रचाया
- देव जी के घोड़े का नाम लीलागर था देवनारायण जी के मंदिर को देवरा कहा जाता है यहां पर मूर्ति के स्थान पर इंटों की पूजा होती है
- देवनारायण जी की का प्रमुख मेला भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को देव धाम जोधपुरिया टोंक में भरता है
राजस्थान के प्रमुख अन्य लोक देवता जो वीर कल्ला जी कला राठौड़, हड़बूजी, मेहा जी, मल्लिनाथ जी, तल्ली नाथ जी, मामा जी, झरड़ा जी, देव बाबा वीर बिग्गाजी ,भूरिया बाबा, हरिराम बाबा, डूंगजी जवाहर जी आदि निम्न है
राजस्थान की लोक देवियां - Rajasthan Ki Lok Deviya
राजस्थान के लोक मानस में शक्ति के प्रति आस्था लोक देवियों के रूप में हैं इनके लोक कल्याणकारी कार्यों एवं साक्षात संस्कारों ने जनसाधारण से लगाकर राजा महाराजाओं तक को नतमस्तक किया है वैसे तो राजस्थान की कई जातियों में लोक देवियों का जन्म हुआ है तथापि शास्त्रों एवं जनश्रुति के अनुसार देवी का जन्म चारण जाति में होता है इसलिए चरणों को देवी पुत्र के उपनाम से भी जाना जाता है
करणी माता
- चारण देवियों में सर्वाधिक पूजा एवं लोकप्रिय करणी जी का जन्म 1444 विक्रम इमेज वर्तमान जोधपुर जिले के सुवाप गांव में कीनिया गोत्र के मेंहा जी चारण के घर हुआ था
- करणी माता को काबा वाली करनला, करनला कीनियानी, करणी जी महाराज, चूहों वाली देवी आदि नामों से जाना जाता है
- इनके बचपन का नाम रितु बाई था बाल्यकाल में ही कई चमत्कार दिखला ने रिदू बाई करनी कहलाई
- करणी जी का विवाह वाटिका बीकानेर के देवा जी बिट्टू के साथ हुआ इनके वंशज देपावत कहलाते हैं
- एक जनश्रुति के अनुसार एक बार जब करणी जी का पुत्र कोलायत सरोवर में नहाते समय डूब कर मर गया तो कर लीजिए यमराज का आह्वान कर के उसके पुत्र को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया यमराज के नए मानने पर करनी जी ने अपनी चमत्कारिक शक्ति से पुत्र को जीवित किया तथा यमराज से कहा कि आज के बाद मेरा कोई भी वशंज तुम्हारे पास नहीं आएगा
- देशनोक में आज भी यह मान्यता है कि करनी के वंशज देपावत की मृत्यु होने पर वह काबा बनता है
- देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में आज भी सैकड़ों चूहे दौड़ते रहती हैं इसी कारण करनी जी चूहों वाली देवता कहलाईइन चूहों में सफेद चूहे को करणी जी का रूप माना जाता है इस का दर्शन करना शुभ माना जाता है यहां पर चूहों को काबा कहा जाता है
- करणी माता का मंदिर मध्य कहलाता है इनका मूल मंदिर देशनोक बीकानेर में हैकरणी माता का मेला चित्र एवं नवरात्रों में देशनोक में आयोजन होता है जहां देश के कोने-कोने से लाखों लोग दर्शनार्थ करने आते हैं
जीण माता
- शेखावाटी क्षेत्र की आराध्य देवी जीण भवानी का मंदिर सीकर जिले में गोरिया के निकट हर्ष पहाड़ी पर स्थित है
- जीण माता शाकंभरी अजमेर के चौहान शासकों की आराध्य देवी रही है
- हर्ष पर्वत से प्राप्त एक शिलालेख के अनुसार जीण भवानी के वर्तमान मंदिरों का निर्माण राजा हसन द्वारा करवाया गया मंदिर में अखंड ज्योति जलती है जिसके लिए तेल तत्कालीन अजमेर एवं दिल्ली के शासकों द्वारा भेजा जाता था
- हर्ष पर्वत के निकट काजल सिगरा नामक पहाड़ी पर जिनके भाई हर्ष भेरु का स्थान है यहां भी अखंड ज्योति जलती है इस ज्योति से बनी काजल अत्यंत शुभ मानी जाती है
- जीण माता धाधल जी की पुत्री एवं हर्ष की बहन थी एक श्रुति के अनुसार हर्ष के विवाह के बाद भी दोनों भाई-बहनों में पहले जैसा स्नेह था 1 दिन दोनों ननंद भोजाई हर्ष की पत्नी पानी लेकर आ रही थी तो रास्ते में दोनों में इस बात पर शर्त लगी कि हर्ष सबसे पहले किसके सिर से मटकी उतारे घर पहुंचने पर हर्ष ने अपनी पत्नी की मटकी उतारी बाद में जीण की इस घटना से नाराज होकर जीण समीपवर्ती जंगल में पर्वत पर जाकर तपस्या करने लगी हर्ष ने जाकर बहन को खूब मनाया लेकिन वह नहीं मानी तो हर्ष को भी गृहस्थ जीवन से घृणा हो गई वह भी वहीं पर तपस्या करने लग गया तभी से दोनों जीण माता हर्ष भेरु के नाम से विख्यात हुए
- जीण माता का मेला चेत्र एवं अश्विन नवरात्रों में भरता है
- मेले में देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु आती हैं मंदिर में अष्टभुजी प्रतिमा है
कैला देवी
- करौली के युद्ध वंश यादव राजवंश की कुलदेवी केला देवी पूर्वी राजस्थान की आराध्य देवी है
- ऐसी मान्यता है कि की दुआ पर युग में जब कंस ने वसुदेव देवकी को मथुरा के कारागृह में बंद किया तो उस समय कंस ने वासुदेव की आठवीं संतान का वध करना चाहा वास्तव में मैं वह कन्या योग माया का अवतार थी अंत अंतर्ध्यान हो गई वहीं कन्या रूप करोली में कालीसिल नदी के किनारे त्रिकूट पर्वत पर केला देवी के रूप में विराजमान है
- केला देवी के वर्तमान मंदिर का निर्माण राजा राघव दास ने करवाया
- केला देवी का लक्की मेला प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल अष्टमी को भरता है
- एक जनश्रुति के अनुसार देवी ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके क्षेत्र में शांति स्थापित की थी केला देवी के मेले में इनके भगत लांगुरिया लोक भजनों को गाते हुए नाचते हैं
राजस्थान के महत्वपूर्ण लोक देवियां एवं संबंधित स्थान
- हिंगलाज माता जैसलमेर
- नागणेची माता नागाणा बाड़मेर
- घेवर माता राजसमंद झील की पाल पर
- जोगणिया माता भीलवाड़ा
- वीरवड़ी माता चित्तौड़गढ़ दुर्ग
- बाण माता उदयपुर
- सिकराय माता उदयपुरवाटी झुंझुनू
- ज्वाला माता जोबनेर जयपुर
- केवाई माता किनसरिया नागौर
- पीपाड़ माता ओसिया पीपाड़ जोधपुर
- चौथ माता चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
- आशापुरा माता नाडोल पाली
- तनोट माता तनोट जैसलमेर
- भदाना माता भदाना कोटा
- आवरी माता निकुंभ चित्तौड़गढ
- अंबिका माता जगत उदयपुर
- भद्रकाली हनुमानगढ़
- चारभुजा देवी खमनोर राजसमंद
- शिला देवी आमेर जयपुर
- नीमच माता उदयपुर
- परमेश्वरी माता कोलायत बीकानेर
- स्वांगिया माता गजरूप सागर जैसलमेर
- शीतला माता चाकसू जयपुर
- मनसा देवी चूरू
- भंवर माता छोटी सादड़ी प्रतापगढ़
- शाकंभरी माता सांभर जयपुर
- ब्राह्मणी माता सोरसन बारा
- सीता माता बड़ी सादड़ी चित्तौड़गढ़
- नागेची जी माता नेगड़िया नाथद्वारा
- धूनी माता डबोक उदयपुर
- जिलाडी माता बहरोड अलवर
- जमुवाय माता जमवारामगढ़ जयपुर

Rajasthan Ke Lok Devi & Devta Gk Question In Hindi
1 चूहों वाली देवी के नाम से किसे जाना जाता है
उत्तर- करणी माता
2 किस एकमात्र लोक देवी की खंडित मूर्ति की पूजा होती है
उत्तर- शीतला माता
3 आशापुरी माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- मोदरा जालौर, पोकरण जैसलमेर, नाडोल पाली
4 सैनिकों की कुलदेवी किसे कहा जाता है
उत्तर- तनोट माता
5 सकराय माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- उदयपुरवाटी झुंझुनू
राजस्थान के लोक देवता Question In Hindi
6 चौथ माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
7 आवड़ माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- भु-गांव जैसलमेर
8 राजस्थान में शील की डूंगरी चाकसू स्थित शीतला माता के मंदिर का निर्माण किसने करवाया था
उत्तर- सवाई माधो सिंह
9 पंचाल जाति की कुलदेवी त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- तलवाड़ा बांसवाड़ा
10 जैसलमेर के भाटी राज वंश की कुलदेवी कौन सी है
उत्तर- स्वागिया माता
राजस्थान की देविया Gk Question In Hindi
11 चौथ माता का मेला कब लगता है
उत्तर- माघ कृष्ण तृतीया से अष्टमी
12 कौन से लोक देवता एक कवि भी थे
उत्तर- रामदेव जी
13 आमेंर के किस शासक ने पूर्वी बंगाल से शीला देवी की मूर्ति को लाकर आमेंर के महलों में स्थापित किया
उत्तर- राजा मानसिंह
14 राज्य में किस माता के मंदिर में दीपक की लौ से केसर टपकती है
उत्तर- आई माता का मंदिर
15 आई माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- बिलाड़ा में

राजस्थान के लोक देवता व देविया Gk Question
16 रामदेव जी का मेला कब भरता है
उत्तर- भादर शुक्ल द्वितीय से भादर शुक्ल एकादशी
17 लांगुरिया गीत किस मेले का आकर्षण है
उत्तर- कैला देवी का मेला
18 करौली में कैला देवी का मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है
उत्तर- कालीसिल
19 बाबा रामदेव द्वारा रुणिचा का कौन सा पंथ शुरू किया गया
उत्तर- कामरिया पंथ
20 बाबा रामदेव जी का जन्म कहां पर हुआ था
उत्तर- उडूकासमिर बाड़मेर
राजस्थान के लोक देवता Question In Hindi
21 किस देवी के मंदिर के सामने बोहरा की छतरी है जहां पर पुजारी झाड़-फूंक द्वारा विविध रोगों का निवारण करता है
उत्तर- कैला देवी का मंदिर
22 करणी माता का बचपन का नाम क्या था
उत्तर- रिदु बाई
23 जाहर पीर के नाम से प्रसिद्ध लोक देवता कौन से हैं
उत्तर- गोगाजी
24 परमार राजकुमार उप्पल देव ने किस मंदिर का निर्माण करवाया
उत्तर- सच्चियाय माता का मंदिर
25 किस लोक देवता ने मुस्लिम शासक महमूद गजनी से युद्ध किया
उत्तर- गोगाजी
राजस्थान की देविया Gk Question In Hindi
26 शीतला माता का पुजारी किस जाति का व्यक्ति होता है
उत्तर- कुम्हार जाति का
27 राजस्थान के किस लोक देवता को लक्ष्मण का अवतार भी माना जाता है
उत्तर- पाबूजी को
28 चेत्र व अश्विन नवरात्रों में किस देवी का मेला भरता है
उत्तर- जीण माता, शिला माता, करणी माता
29 राज्य में एकमात्र मंदिर जहां देवी के पीठ का सिंगार व पूजा की जाती है
उत्तर- ब्राह्मणी माता सोरसन बारा
30 ऊंट पालक जाति रायका रेबारी द्वारा पूज्य लोक देवता है
उत्तर- पाबूजी
राजस्थान के लोक देवता व देविया In Hindi
31 राज्य में प्रतिवर्ष भाद्रपद माह में किस देवी का मेला भरता है
उत्तर- रानी सती माता
32 किस देवी ने आंकड़ा नदी को चुल्लू में भरकर आमचन कर सोख लिया था
उत्तर- आवड़ माता
33 राज्य में लूले लंगड़े और लकवा ग्रस्त लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाली माता है
उत्तर- आवरी माता
34 प्लेग रक्षक देवता के रूप में प्रसिद्ध कौन से लोक देवता हैं
उत्तर- पाबूजी
35 राजस्थान में करौली के यदुवंश यादव राज वंश की कुलदेवी रूप में विख्यात कौन सी देवी है
उत्तर- कैला देवी

राजस्थान के लोक देवता व देविया Gk Question
36 राज्य में जीण माता का मंदिर किस जिले में स्थित है
उत्तर- सीकर जिले में
37 मीणा जाति के इष्ट देवता कौन से हैं
उत्तर- गौतमेश्वर
38 बालक नाथ के नाम से प्रसिद्ध लोक देवता कौन से हैं
उत्तर- झरड़ा जी
39 मल्लिनाथ जी पशु मेला कहां पर लगता है
उत्तर- तिलवाड़ा
40 रानी सती का मंदिर किस जिले में स्थित है
उत्तर- झुंझुनू
राजस्थान के लोक देवता व देविया प्रश्न
41 चार हाथ वाला देवता किस लोक देवता को कहते हैं
उत्तर- कल्ला जी
42 नारायणी माता का मूल नाम क्या था
उत्तर- करमेती बाई
43 गुर्जर समाज के प्रमुख लोक देवता कौन से हैं
उत्तर- देवनारायण जी
44 किस लोक देवता को आयुर्वेद का ज्ञान भी था
उत्तर- देवनारायण जी को
45 सर्पदंश पर किस लोक देवता की पूजा की जाती है
उत्तर- तेजाजी
Rajasthan Ke Lok Devi & Devta Question
46 लोक देवता तेजाजी का जन्म कहां पर हुआ था
उत्तर- खडनाल
47 गोगाजी की थान किस वृक्ष के नीचे होती है
उत्तर- खेजड़ी वृक्ष के नीचे
48 पाबूजी से संबंधित गाथा गीत पाबू के पवाडे किस वाद्य के साथ नायक व रेबारी जाति द्वारा गाए जाते हैं
उत्तर- माठ वाद्य
49 तेरहताली नृत्य किस लोक देवता की भक्ति में किया जाता है
उत्तर- रामदेव जी की
50 देवनारायण जी की पड़ किस जाति के लोगों द्वारा मंचित जाती है
उत्तर- गुर्जर भोपा द्वारा
राजस्थान की देविया प्रश्न
51 परबतसर नागौर में तेजाजी का विशाल मेला कब भरता है
उत्तर- भाद्रपद शुक्ला दशमी को
52 किस लोक देवी का मंदिर भारतीय सीमा सुरक्षा बल का संरक्षण प्राप्त करती है
उत्तर- तनोट माता
53 राज्य के लोक देवता जो धनी लोगों को लूट कर उनका धन गरीबों में जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे
उत्तर- डूंगर जी व जवाहर जी
54 चौबीस बानिया के रचयिता कौन है
उत्तर- रामदेव जी
55 राज्य में सकून चिड़िया को लोकमानस में किसका प्रतीक चिन्ह माना जाता है
उत्तर- स्वांगिया माता
राजस्थान के लोक देवता Gk प्रश्न In Hindi
56 राज्य के ग्रामीण अंचलों में चबूतरे नुमा बने हुए लोक देवों के पूजा स्थल क्या कहलाते हैं
उत्तर- देवरे या थान
57 राजस्थान में लोक संत के रूप में पूज्य कौन से वीर चित्तौड़गढ़ की युद्ध में बादशाह अकबर की सेना के विरुद्ध लड़ते हुए शहीद हुए थे
उत्तर- कल्लाजी
58 सामाजिक सुधार के लिए जम्मा जागरण अभियान किस लोक देवता के द्वारा चलाया गया
उत्तर- रामदेव जी द्वारा
59 रामदेव जी के भक्तों द्वारा क्या गाए जाते हैं
उत्तर- ब्यावले
60 राज्य में लोक देवता कला जी की सिद्ध पीठ कहां पर है
उत्तर- रनेला

राजस्थान की लोक देविया Gk प्रश्न In Hindi
61 दधिमती माता का संबंध किस स्थान से हैं
उत्तर- गोठ मांगलोद
62 मेवाड़ के सिसोदिया वंश की कुलदेवी कौन सी है
उत्तर- बाण माता
63 राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए सुविख्यात मेला कौन सा होता है
उत्तर- रामदेव जी का मेला
64 मीणा जनजाति के लोग किस देवता की झूठी कसम नहीं लेते हैं
उत्तर- भूरिया बाबा
65 राज्य में लोक देवी देवताओं की सोने चांदी पीतल तांबे आदि की धातु की बनी गले में पहनने की छोटी सी प्रतिकृति क्या कहलाती है
उत्तर- नावा
राजस्थान के लोक देवता व देविया Gk प्रश्न
66 ज्वाला माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- जोबनेर
67 आवरी माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- निकुंभ चित्तौड़गढ़
68 अंबिका माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर जगत उदयपुर
69 रानी भटियाणी माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- जसोल बाड़मेर
70 अंजनी माता का मंदिर कहां पर स्थित है
उत्तर- चेंडा पाली
दोस्तों यदि आपको राजस्थान के लोक देवता व देविया Gk Question In Hindi यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस राजस्थान के लोक देवता व देविया Gk Question In Hindi पोस्ट पर Comment करे तथा Share भी करे और हमे बताये भी ये पोस्ट आपको केसी लगी धन्यवाद – Pankaj Taak

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